कहे कुंदन कविराय
मंगलवार, 6 अगस्त 2019
मक्खन खा रहे हैं चापलूस लोग
अय्याशी कर रहे हैं आसाराम जी
मर-मर जी रहे हैं कंजूस लोग
खुद्दार खा रहे हैं धूल और धक्के
मक्खन खा रहे हैं चापलूस लोग
ये उल्टी तस्वीर मंजूर क्यों...?
अब बगावत करो नाखुश लोग
- कंचन ज्वाला कुंदन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें