रविवार, 25 अगस्त 2019

मैं अपने अस्तित्व के लिए

मैं अपने अस्तित्व के लिए 
मैं अपने वजूद के लिए 
लड़ाई लड़ रहा था 
बरसों की तरह... 

कई लोग मसलने में लगे थे 
कई लोग कुचलने में लगे थे 
कई लोग रौंदने में लगे थे मुझे 
सदियों की तरह...

ना मैं दाम में बिका
ना मैं दंड में झुका 
ना मैं भेद से हारा 
मगर मैं साम में फंसा फिर से 
और बेमौत मारा गया पहले की तरह... 

- कंचन ज्वाला कुंदन

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