मुझे मुंह पर ही कह दो अपने किये का भरो
मुझे सीधे ही कह दो कि अपने हाल पर मरो
हाँ ये वक्त तुम्हारा है तुम जो चाहे करो
वक्त कल मेरा भी आएगा इस बात से डरो
मैं तो तुम्हें कमीने दोस्तों के साथ कुटुँगा भी
साथ ही कहूँगा हरामी को सूजते तक छरो
मैं बेहद अश्लील हूँ तुम्हें इतना ही कहूँगा
बहुत लोगों का धर चुके अब मेरा भी धरो
- कंचन ज्वाला कुंदन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें