रविवार, 25 अगस्त 2019
गोली दागो का समय है ये
सोये रहे तो शिकार बनोगे
उठो जागो का समय है ये
रेंगने से मर जाना बेहतर
तेज भागो का समय है ये
लद गए दिन लाठियों के
गोली दागो का समय है ये
-कंचन ज्वाला कुंदन
मैं अपने अस्तित्व के लिए
मैं अपने अस्तित्व के लिए
मैं अपने वजूद के लिए
लड़ाई लड़ रहा था
बरसों की तरह...
कई लोग मसलने में लगे थे
कई लोग कुचलने में लगे थे
कई लोग रौंदने में लगे थे मुझे
सदियों की तरह...
ना मैं दाम में बिका
ना मैं दंड में झुका
ना मैं भेद से हारा
मगर मैं साम में फंसा फिर से
और बेमौत मारा गया
पहले की तरह...
- कंचन ज्वाला कुंदन
मंगलवार, 6 अगस्त 2019
मक्खन खा रहे हैं चापलूस लोग
अय्याशी कर रहे हैं आसाराम जी
मर-मर जी रहे हैं कंजूस लोग
खुद्दार खा रहे हैं धूल और धक्के
मक्खन खा रहे हैं चापलूस लोग
ये उल्टी तस्वीर मंजूर क्यों...?
अब बगावत करो नाखुश लोग
- कंचन ज्वाला कुंदन
रविवार, 4 अगस्त 2019
बहुत लोगों का धर चुके अब मेरा भी धरो
मुझे मुंह पर ही कह दो अपने किये का भरो
मुझे सीधे ही कह दो कि अपने हाल पर मरो
हाँ ये वक्त तुम्हारा है तुम जो चाहे करो
वक्त कल मेरा भी आएगा इस बात से डरो
मैं तो तुम्हें कमीने दोस्तों के साथ कुटुँगा भी
साथ ही कहूँगा हरामी को सूजते तक छरो
मैं बेहद अश्लील हूँ तुम्हें इतना ही कहूँगा
बहुत लोगों का धर चुके अब मेरा भी धरो
- कंचन ज्वाला कुंदन
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