बुरे विचारों के इर्द-गिर्द
कामुक संवेगों के आस-पास
हे मानव!
तेरी जीवन घेरे में है
तोड़ दे ये चक्र
और उबर जा
बाहर आ जा
वरना ये काम की लपट
तेज तप्त ज्वाला
तुझे ले डूबेगी-2
एक बार इस कुएं से
बाहर आकर देख
इसके आगे भी संसार है
इसके आगे भी संसार है
- कंचन ज्वाला 'कुंदन'
कामुक संवेगों के आस-पास
हे मानव!
तेरी जीवन घेरे में है
तोड़ दे ये चक्र
और उबर जा
बाहर आ जा
वरना ये काम की लपट
तेज तप्त ज्वाला
तुझे ले डूबेगी-2
एक बार इस कुएं से
बाहर आकर देख
इसके आगे भी संसार है
इसके आगे भी संसार है
- कंचन ज्वाला 'कुंदन'
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