सोमवार, 30 जून 2025

मेरी आंसुओं पर तुम बहुत हँस लिए अब रोओगे क्या मेरी हँसी पर?

मातम मनाते थक गया मैं अब हँस रहा हूं अपनी बर्बादी पर...

मेरी आंसुओं पर तुम बहुत हँस लिए अब रोओगे क्या मेरी हँसी पर?

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