कहे कुंदन कविराय
सोमवार, 8 जुलाई 2024
मंजिल कहां पता नहीं
उड़ रहा हूं यहां वहां
लैंड होगा जाने कहां
मंजिल कहां पता नहीं
क्या मिलेगा इधर यहां
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