सोमवार, 9 मई 2022

सर से लेकर पांव तक आदत जुदा-जुदा है, शरीफ के साथ शरीफ, नंगे के साथ नंगा है...

 

ये मत पूछो कि मेरा आदत-व्यवहार कैसा है

आलू के साथ आलू, अंडा के साथ अंडा है

बर्ताव बदलना पड़ता है आदमी देख-देखकर
अच्छों के साथ अच्छा, गंदों के साथ गंदा है

मेरा काम करने का तरीका भी अलहदा है
सुस्त के साथ सुस्त, चंगे के साथ चंगा है

सर से लेकर पांव तक आदत जुदा-जुदा है
शरीफ के साथ शरीफ, नंगे के साथ नंगा है

- कंचन ज्वाला कुंदन






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